दलित शब्द कहा से आया
मै बहुत दिनों से सोच रहा था कि दलित शब्द का खूब स्तेमाल हो रहा है और अधिकांश राजनीतिज्ञ ही इसका अधिक प्रयोग कर रहे है और उसका फ़ायदा भी उठा रहे है लेकिन वास्तव में इसका मतलब किसी को नहीं पता !केवल फ़ायदा उठाने तक ही सीमित है ! जो SC ,ST OBC फ़ायदा उठा रहे है या जो इनके वोट बटोर रहे है वे इसका भरपूर फ़ायदा उठा रहे है लेकिन मतलब से वे भी परे है !
इससे पाहिले लोग फ़ायदा उठाने वाले हरिजन शब्द का भरपूर स्तेमाल करते रहे और फ़ायदा उठाया भी खूब ! जब काशीराम साहेब ने पूछा कि भाइयो हरिजन कौन होता है तो जबाब आया कि भगवान कि संतान ! काशीराम साहेब ने जोर दे कर कहा बहुत अच्छा चलो भगवान ने कुछ तो बनाया ! इसके बाद उन लोगो९ से पूछा कि हरिजन भगवान की संतान या औलाद है तो सारे लोग जो जीवित है सभी हरजन हुए तो जबाब आया नहीं साहेब हरिजन सिर्फ SC ST और OBC ही है बाकि सब स्वर्ण लोग है ! इसके बाद सहजेब ने पूछा कि ये लोग भगवान की औलाद है तो बाकी सब क्या सैतान की औलाद है ! जब यह सब सुना तो लोगो ने हरिजन शब्द से छुटकारा पाया और आज वही शब्द दलित नाम से जाना जाता है ! धिक्कार है इन राजनीतिज्ञों को जो हर हाल में अपने उल्लू सीधा कैर्तेव रहते है !
आज हम लोग और हमारे प्रधानमंत्री जी भी बड़े जोर शोर के साथ परमपूज्य एवं भारत के सविधान निर्माता व लार्ड ऑफ़ लॉ बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर की 126वी जयंती मना रहे है और हम स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी दलित रह गए यह तो राष्ट्र के लिए शर्मनाक बात है ! पिछली सरकारों ने अभी तक क्या किया लेकिन अब मोदी साहेब बहुत कुछ करेंगे और दलित शब्द को भारत से निकाल फैकने का कार्य करेंगे ऐसी कामना की जाती है ! क्योंकि हमारे प्रधामंत्री महोदय मोदी साहेब ने विकलांगो का नाम दिव्यांग रख कर नया काम किया है ! इसी प्रकार दलित शब्द हमेशा के लिए हटा कर सविधानिक शब्द अनुसूचित जाति व जन जाति से संविधित किया जाए और दलित कहने पर सजा का प्रावधान भी किया जाए !
अगर ऐसा हो जाता है तो मना जायेगा की यह सरकार संविधान के तहत कार्य कर रही है ! और अपना भरोसा दे कर सरकार चलायेंगे ! जय भीम, जय भारत जय संविधान !
मै बहुत दिनों से सोच रहा था कि दलित शब्द का खूब स्तेमाल हो रहा है और अधिकांश राजनीतिज्ञ ही इसका अधिक प्रयोग कर रहे है और उसका फ़ायदा भी उठा रहे है लेकिन वास्तव में इसका मतलब किसी को नहीं पता !केवल फ़ायदा उठाने तक ही सीमित है ! जो SC ,ST OBC फ़ायदा उठा रहे है या जो इनके वोट बटोर रहे है वे इसका भरपूर फ़ायदा उठा रहे है लेकिन मतलब से वे भी परे है !
इससे पाहिले लोग फ़ायदा उठाने वाले हरिजन शब्द का भरपूर स्तेमाल करते रहे और फ़ायदा उठाया भी खूब ! जब काशीराम साहेब ने पूछा कि भाइयो हरिजन कौन होता है तो जबाब आया कि भगवान कि संतान ! काशीराम साहेब ने जोर दे कर कहा बहुत अच्छा चलो भगवान ने कुछ तो बनाया ! इसके बाद उन लोगो९ से पूछा कि हरिजन भगवान की संतान या औलाद है तो सारे लोग जो जीवित है सभी हरजन हुए तो जबाब आया नहीं साहेब हरिजन सिर्फ SC ST और OBC ही है बाकि सब स्वर्ण लोग है ! इसके बाद सहजेब ने पूछा कि ये लोग भगवान की औलाद है तो बाकी सब क्या सैतान की औलाद है ! जब यह सब सुना तो लोगो ने हरिजन शब्द से छुटकारा पाया और आज वही शब्द दलित नाम से जाना जाता है ! धिक्कार है इन राजनीतिज्ञों को जो हर हाल में अपने उल्लू सीधा कैर्तेव रहते है !
आज हम लोग और हमारे प्रधानमंत्री जी भी बड़े जोर शोर के साथ परमपूज्य एवं भारत के सविधान निर्माता व लार्ड ऑफ़ लॉ बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर की 126वी जयंती मना रहे है और हम स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी दलित रह गए यह तो राष्ट्र के लिए शर्मनाक बात है ! पिछली सरकारों ने अभी तक क्या किया लेकिन अब मोदी साहेब बहुत कुछ करेंगे और दलित शब्द को भारत से निकाल फैकने का कार्य करेंगे ऐसी कामना की जाती है ! क्योंकि हमारे प्रधामंत्री महोदय मोदी साहेब ने विकलांगो का नाम दिव्यांग रख कर नया काम किया है ! इसी प्रकार दलित शब्द हमेशा के लिए हटा कर सविधानिक शब्द अनुसूचित जाति व जन जाति से संविधित किया जाए और दलित कहने पर सजा का प्रावधान भी किया जाए !
अगर ऐसा हो जाता है तो मना जायेगा की यह सरकार संविधान के तहत कार्य कर रही है ! और अपना भरोसा दे कर सरकार चलायेंगे ! जय भीम, जय भारत जय संविधान !
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