Tuesday 2 October 2018

अच्छे दिन

 अच्छे दिन:-

आपको लगता है कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया "अच्छे दिन" का वादा झूठा था तो अब आप स्पष्ट हो जाइए कि ऐसा नहीं था , वह वादा सच्चा था और "अच्छे दिन" आ गये हैं , उनके जिनके लिए मोदी जी ने यह वादा किया था।

दरअसल , यदि आप यह समझ रहे हैं कि यह वादा पूरे देश के लिए था तो आप अपना भ्रम दूर कर लीजिए। मोदी जी का किया यह वादा उनके हार्डकोर समर्थकों और भगवा आतंकवादियों के लिया ही था।

और यदि आपको अब भी उनके "अच्छे दिन" नहीं दिख रहे हैं तो आप फिर कुछ सोचने और समझने की कोशिश करिए , उनके "अच्छे दिन" दिखने लगेंगे।

भाजपा , संघ और उनके 38 नाजायज़ संगठनों के कार्यपद्धति पर अध्ययन कीजिए , यह आज के असली "रावण" हैं जिनके एक नहीं 38 मुख हैं।

इनका सबसे बड़ा ब्रान्ड "नरेन्द्र मोदी" देश को उलझाने के लिए प्रधानमंत्री के पद पर बैठ कर बैलेंसवादी बयान देंगे , इससे अधिक वह दे भी नहीं सकते क्युँकि देश का संविधान और विदेश के लोग इनका मानमर्दन कर देंगे।

मोदी क्या कहते हैं , यह देश को जताने के लिए होता है और पर्दे के पीछे संघ के 38 नाजायज़ संगठन जो संदेश अपने हार्डकोर संगठनों तक पहुँचाते हैं वह असल में मुख्य संदेश होता है जिसका पालन देश का प्रधानमंत्री और भगवा मुख्यमंत्री करता है।

यही है "भगवा आतंकवादियों" के लिए "अच्छे दिन"।

अच्छे दिन यूँ कि वह जिसे चाहे कोई भी इल्ज़ाम लगा कर मार दें , उनका कोई कुछ नहीं कर सकता , गाय के नाम पर 38 और लव जेहाद के नाम पर 1 खौफनाक हत्याएँ हों या दलितों पर अत्याचार , इनको देश में मौजूद सभी भगवा सरकारों से खुली छूट मिली हुई है , जो या तो इनपर इन घटनाओं के कारण कार्यवाही नहीं कर रहीं हैं या प्रशासन के द्वारा लीपापोती करके बचा रही है।

इनके लिए यही है "अच्छे दिन" और दरअसल मोदी ने अच्छे दिन का वादा यही किया था।

आप जो अच्छे दिन अपने लिए सोच रहे थे वह सबके लिए नहीं बल्कि इन भगवा आतंकवादियों के लिए ही था जिसका गोपनीय मैसेज इनके 38 नाजायज़ संगठनों द्वारा इनके हार्डकोर समर्थकों तक पहुँचाया जा चुका है।

इसीलिए इनकी देश और प्रदेश की सरकारों की अन्य तमाम विफलताओं और बर्बादी के बावजूद भगवा सरकारें पुनः चुन कर आती रहीं हैं।

दरअसल इनके "अच्छे दिन" में यही सब था जो अब हो रहा है।

मुसलमानों की गाय या लव जेहाद के नाम पर हत्या कर दो , उनका इतिहास , वर्तमान और भविष्य इस देश से मिटा दो , सत्ता प्राप्त करने के रास्ते में जो आए उसको ठिकाने लगा दो , संसद का सत्र हो , चुनाव आयोग की विश्वसनियता हो या उच्चतम न्यायलय और कार्यपालिका का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप सबकी हत्या कर दो , मीडिया और पत्रकारों को अपना पालतू कुत्ता बना दो।

और वही सब हो रहा है , यही उनके लिए "अच्छे दिन" हैं।

एक आतंकी और हत्यारे "शंभू रे
गर" के समर्थन में भगवा आतंकवादियों द्वारा जो नंगा नाच उदयपुर में किया जा रहा है वही दरअसल इनके लिए "अच्छे दिन" हैं।

उदयपुर सत्र न्यायालय पर तिरंगे की जगह भगवा झंडा फहराना ही उनके लिए "अच्छे दिन" हैं।

मुझे हैरत होती है देश के संविधान और धर्मनिरपेक्ष ढ़ाचें में विश्वास करने वाले बहुसंख्यक वर्ग के लोगों पर जो सब कुछ देख सुनकर भी उनका विरोध केवल सोशलमीडिया तक ही करते हैं।

मुसलमानों का विरोध इनकी खुराक है , बहुसंख्यक वर्ग का तिव्र ज़मीनी विरोध ही इनकी ऐसी गतिविधियों को रोक सकता है इनको कमज़ोर कर सकता है।

परन्तु शायद उनको इस "अच्छे दिन" से कुछ अधिक समस्या नहीं।

पैलेट गन सिर्फ़ काश्मीर के पत्थरबाजों पर चलेगी , क्युँकि वह तिरंगे को नहीं मानने वाले कुछ काश्मीरी मुसलमान हैं , और उदयपुर में तिरंगा ना मानकर भगवा झंडा फहराने वाले "राष्ट्रवादी" हैं।

यह है "अच्छे दिन"



*गुजरात के विकास पर प्रश्नों के जवाब में मोदी नाटक और मोदी की हर बात पर आंखें बंद करके विश्वास करने वाले अन्ध-भक्तों का मानसिक दिवालियापन*

22 साल का विकास पूछा तो 22 साल के लड़के की CD दिखा दी।।ट

▪22 साल का विकास पूछा तो राहुल के परनाना ने मन्दिर नहीं बनवाया, ये बता दिया।

▪22 साल का विकास पूछा तो जनसभा में रो दिया ।

▪22 साल का विकास पूछा तो आप मेरा साथ नहीं दोंगे तो कहा जाऊंगा कह दिया ।

▪22 साल का विकास पूछा तो कहा मैं गुजरात का बेटा हूँ।

▪22 साल का विकास पूछा तो बोला तुम साथ नहीं दोंगे तो 2019 प्रधानमन्त्री नहीं बन पाउँगा।

▪22 साल का हिसाब माँगा तो बोला मन्दिर चाहिए कि मस्जिद चाहिए।

▪22 साल का हिसाब माँगा तो बोला अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है काँग्रेस।

▪22 साल का हिसाब माँगा तो बोला पाकिस्तान प्रभावित कर रहा है चुनाव।

👆🏻
*पूरा देश (सिर्फ़ भक्तों को छोड़कर) गुजरात विकास का 22 साल का हिसाबनामा जानना चाहता है।*

*पूरा देश उस गुजरात मॉडल के बारे में सुनना चाहता है जिसके बारे में दलाला मीडिया की मदद से झूठ का तूफ़ान बाँधा गया। वो गुजरात मॉडल कौन सा था जिसका लोलीपोप पूरे देश को दिया।*

*अन्ध-भक्तों के तो सोचने की क्षमता ही समाप्त हो गयी है।*.

*इन भक्तों को विकास, बेरीज़गारी, महँगाई, नौकरी, इलाज, शिक्षा, उत्पीड़न, शोषण, सत्ता दमन जैसे विषयों से कोई सरोकार नहीं है।*

 *उन्हें तो राष्ट्रवाद की अफीम चटा कर मदहोश कर दिया जाता है और उनमें  मुसलमानों के प्रति नफ़रत भर कर पागलों से भी बदतर मानसिक स्थिति में धकेल दिया जा रहा है जहाँ वे मनुष्य के रूप में हिंसक पशु में परिवर्तित हो जाते हैं ।*

खौफनाक है राजस्थान के हालात, इन 7 घटनाओं को पढ़ कांप उठेगी रूह
 http://tz.ucweb.com/12_3aJ6w
*और पशुओं को मनुष्यों की समस्याओं से क्या सम्बन्ध !*


*जय मूलनिवासी*

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