Sunday, 25 February 2018

भारत के बैंक

 शोर शराबे के बीच मेरी आवाज भी सुनिये..मैं आपके मुद्दे लिखता हूं..ध्यान से पढिये..

1. भारत के बैंको का NPA 6 लाख करोड़ ₹ बोला जाता है..पर मैं हरदम 12 लाख करोड़ ₹ बोलता हूं..

2. जो उद्योगपति बैंक लोन चुका नही पाता उसे सहज शर्तो के साथ लोन चुकाने का मौका दिया जाता है..इसे Restructuring बोलते है..

3. Restructure लोन भी लगभग NPA ही माना जाता है और वो अलग से रिपोर्ट होता है तिमाही नतीजो के वक्त..अभी भारत मे Restructured बैंक लोन लगभग 5-6 लाख करोड़ ₹ है..

4. Rcom ने बयान दिया कि उनके लोन का Stand Still Period, दिसंबर 2018 तक है..

5. Stand Still Period का मतलब होता है जस का तस..यानी दिसंबर 2018 तक उन्हें लोन नही चुकाना है और बैंको के खातो में Rcom का लोन NPA नही दिखाया जायेगा..खेल समझे?!?!

6. आज Rcom की कीमत 3,300 करोड़ ₹ है और बैंक लोन 45,000 करोड़ ₹..मान लीजिये, Asset भी कुछ होंगे जरूर..सबकुछ मिला कर लोन का 25% होना भी मुश्किल सा लगता है..

7. एक बात साफ नही है : क्या Stand Still Period के बाद भी Restructuring कर के Rcom को और वक्त दिया जायेगा?

जनता की कुछ मांगे है:

★ Restructure Loan का कुल परिमाण और उद्योगपतियो के नाम सार्वजनिक किया जाये..

★ किस उद्योगपति का Stand Still Period कितना है ये भी सार्वजनिक किया जाये..

★ अगर Stand Still Period के बाद भी लोन वापस नही मिलता तो सरकार क्या कर्यवाही करेगी ये घोषणा की जाये..

एक बात समझ लीजिये : इकॉनमी तहस नहस हो चुकी है..NPA होने के वावजूद उन्हें बताया नही जा रहा है.. ये Restructured Loan 5-6 लाख करोड़ ₹ का घोटाला है और ये पैसे शायद ही वापस आये..

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