ब्राह्मण विदेशी है या स्वदेशी?
अगर विदेशी है तो फिर भारत पर राज कैसे कर रहा है ?
अगर ब्राह्मण विदेशी नही है तो फिर आरोप लगने पर वो खामोश क्यों है? मुसलमानों पर जब- जब झूठे आरोप लगते है सारी मुस्लिम संघटनाए, धर्म गुरू , नेता उस आरोप का पूरी शक्ति से खंडन करते है। परंतु ब्राह्मणो को विदेशी कहने पर किसीने भी इस आरोप का खंडन नही किया है। जान बूझकर यह विषय टाला जाता है क्यो ?
अगर हा तो फिर क्यों टाला जाता है? किसी भी ब्राह्मण की TC पर जाती ब्राह्मण ही लीखी होती है। ब्राह्मण जाति हिन्दू नही लिखता। यानी ब्राह्मण हिन्दू नही है और शुद्र भी नही है।
फिर अखिर यह ब्राह्मण है कौन ?
ब्राह्मणों का हिंदुओं के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक समस्या के समाधान के लिय आज तक का क्या योगदान है? आज हिन्दू किसान भूख से परेशान होकर खुदकुशी कर रहा है। संसद भवन के सामने (तमीळनाडू) किसान अपनी पीड़ा से अवगत कराने के लिए पुरा नंगा हो चुका है।
यहाँ तक कि मल मूत्र पीकर अपना दुख बताने पर मजबुर हुआ। फिर भी ब्राह्मणों की पेशानी पर कोई बल नही पडता। आखिर क्या बात है कि ब्राह्मण हिंदू किसान की पीड़ा देखकर भी व्यथित नहीं होते? आज लाखों हिंदू किसान खदकुशी कर रहे हैं, बच्चे कुपोषण से मर रहे हैं। इलाज के लिय पैसे नहीं हैं। इसलिए गरीब अस्पताल के बाहर तड़प कर मर रहा है। करोडो हिंदू युवक बेरोजगार हैं।
इन सारी हिंदुओं की समस्या के ननिवारण में ब्राह्मणों का क्या योगदान है? आजतक कभी ब्राह्मण महासभा ने हिन्दुओ के सामाजिक, शैक्षणिक आर्थिक विकास के लिय कोई हिंदू विकास परिषद का आयोजन किया क्या?
अगर नहीं तो क्यों नहीं किया?
ब्राह्मणों को हिंदूओ का विकास नहीं करना है क्या? हिंदू अपने कोई लगते नहीं क्या? या फिर ब्राह्मण ही यहाँ भारत का मूलनिवासी ना होने से हिन्दुओ को मरता हुवा देख उन्हे कोई दुख नही होता?
इसलिए कि हिंदूओ से सिर्फ सांप्रदायिक दंगे ही कराना है क्या? फिर मराठा हिंदूओ के आरक्षण के लिय पाकिस्तान आंदोलन करेगा क्या? धनगर हिंदूओ को आरक्षण दिया जाये इसके लिए अफगाणिस्तान उपोषण करेगा क्या? हचकर, जाट, पटेल, गुज्जर, यादव आदि को आरक्षण मिले इसके लिए इराक ने मोर्चे निकालने चाहिए क्या?
मंडल आयोग ने कहा कि OBC की जातिवार जनगणना, इसके लिए दुबई के लोग जेल भरो आंदोलन करेंगे क्या? नही हरगिज नहीं भारत की जनता की समस्या के लिय विदेशी क्यों आंदोलन करेंगे? भारत की जनता की पीड़ा से विदेशियों को क्या लेना?
अगर ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी हैं तो वो हिंदूओ के आंदोलन को समर्थन क्यों नही देते?
अगर हिंदू ब्राह्मणों के कहने पर दंगे कर सकते हैं, तो फिर ब्राह्मण हिंदूओ के आरक्षण के लिए किसानों के कर्ज माफी के लिय आंदोलन क्यों नहीं कर सकते? जब सत्ता ही ब्राह्मणों के पास है फिर हिंदू किसानो को क्यों आत्महत्याएँ करनी पड़ रही हैं? क्यों मराठा, जाट, पटेल, धनगर, गुज्जर रास्ते पर आ रहे हैं?
हिंदूओ को आरक्षण देने से कौन सा मुसलमान ब्राम्हणों को रोक रहा है? अब इस पर भी कोई मुस्लिम हिंदूओ के आरक्षण के सभर्थन में आता है तो ब्राह्मण कहते है इन्हें पाकिस्तान भेज दो।
अगर मुसलमान यह कहता है कि किसानो कर्ज माफी होना चाहिए। तो वे कहते है मुसलमान आतंकवादी है, देशद्रोही है इन्हें पाकिस्तान भेज दो। अब हिंदूओ के समर्थन मे ब्राह्मण भी नही आयेगा और मुसलमानों को भी नही बोलने देगा, तो क्या हिंदूओ के समर्थन मे चीन, जापान बोलेंगे क्या?
बात स्पष्ट है जिनके पुर्वजो ने महात्मा बस्वेश्वर महाराज को नही स्वीकारा, संत तुकाराम, संत कबीर, संत रविदास, छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, शाहु महाराज, महात्मा फुलेजी, सावित्री मॉ फुले, बाबासाहेब अंबेडकरजी को नही स्वीकारा, उनके वारिस हमे स्वीकार करेंगे क्या?
ब्राह्मणों को मुख्तार अब्बास नकवी, शाह नवाज हुसैन जैसा मनुवादी मुसलमान दामाद तो चलता है लेकीन शिव-शाहु-फुले-अंबेडकरजी के बहुजन विचार धारा का मुसलमान नही चलता।
(नोट- आज तक भारत के किसी भी ब्राह्मण ने मुख्तार अब्बास नक़वी और शाह नवाज हुसैन जैसे मुसलमान दामादो का विरोध नही किया है। किसी ने यह नही कहा के यह लव जिहादी है इन्हें पाकिस्तान भेज दो। याने जो दामाद है उन्हें रहने दो और जो दामाद नही है उन्हें पाकिस्तान भेज दो? यानी भारत मे मुसलमानों को अगर रहना होगा तो उन्हें ब्राह्मणों का दामाद बनना ही होगा?)
मेरा उद्देश्य यह है के अब यह बात साफ होनी चाहिए कि हिंदू-मुस्लिम और ब्राह्मण-हिंदू संबंध स्पष्ट होना चाहिए। भारत के 25-30 करोड़ कबाड बेचने वाले फल-सब्जियाँ बेचने वाले मजदुरी-हमाली करने वाले, चुड़ियाँ बेचने वाले, गुब्बारे बेचने वाले पंक्चर निकालने वाले, मोटर दुरूस्त करने वाले आदि मुसलमान आये तो आए कहाँ से?
अगर यह मुसलमान बाहर के मुस्लिम देशो से आये हैं, तो फिर भारत में जो मुसलमानो की जातियाँ पायी जाती हैं- बागबान, अतार, मणीयार, तांबोली, लाला, मंसुरी, छप्परबंद, जुलहा, नाईकवाडी, यह जातियाँ सिर्फ भारत में ही क्यों पायी जाती हैं?
मुस्लिम देशो मे क्यो नही कोई बागबान, छप्परबंद जाति नहीं मिलती? अगर मान लो मुसलमान बाहर से आये भी हों तो कितने? फिर 700-800 सालों में मुसलमानो की संख्या 25-30 करोड कैसे हो गई? 15-20% कैसे? और अगर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है तो फिर ब्राम्हण मात्र 3% ही कैसे?
(भारत के 97% मुस्लिम ब्राम्हणवाद के अन्याय अत्याचारी वर्णव्यवस्था को त्याग कर समतावादी इस्लाम स्वीकार कर धर्मांतरित हैं। यानि भारत का मुस्लिम भारत का मूलनिवासी ही है)
अगर ब्राम्हण भारत का मूलनिवासी है तो फिर हजारों साल से भारत में होकर ब्राम्हण 3% ही क्यों है?
यह पहेली तो मुझे समझ में नहीं आ रही है। अगर यह पहेली सुलझे तो भारत की सभी समस्या का समाधान हो जायेगा। मुझे तो लगता है नाम बदलकर हिंदू बनकर हिटलर ही भारत पर राज कर रहा है। वैसे भी कहा जाता है हिटलर ने ही खुद को किडनेप किया था दुनिया को मूर्ख बनाने के लिय। अब हम हिंदू (शुद्र) –मुस्लिम, भाई-भाई कहें या ब्राम्हण (श्रेष्ठ)- हिंदू (शुद्र) भाई-भाई कहें? भारत मेरा देश है सारे शुद्र भारतीय मेरे भाई हैं।
… .जय भारत …..
ब्राह्मण विदेशी है कितना सच?😊😊😊
1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है कि हम (वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोग है। जब आर्य व् अनार्यो का युद्ध हुआ ।
2. The Arctic Home At The Vedas बालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारा लिखी पुस्तक में मानते है कि हम बाहर आए हुए लोग है ।
3. जवाहर लाल नेहरु ने (बाबर के वंशज फिर कश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब Discovery of India में लिखा है कि हम मध्य एशिया से आये हुए लोग है। यह बात कभी भूलना नही चाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा जी को लिखे जब वो होस्टल में पढ़ रही थी।
4. वोल्गा टू गंगा में “राहुल सांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण) ने लिखा है कि हम बाहर से आये हुए लोग है और यह भी बताया की वोल्गा से गंगा तट (भारत) कैसे आए।
5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण) सहा सोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखा की हम भारत के बाहर से आये लोग है।
6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी जिसने “सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हम बाहर से आए हुए लोग है।
7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकर अपने भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृ भूमि यानि अपने घर वापस आया हूँ।
8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने 1894 में दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा में लिखे एक पत्र के अनुसार हम भारतीय होने के साथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही है इसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव की अपेक्षा रखते है।
9. ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877 में कलकत्ता की एक सभा में कहा था कि अंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े चचेरे भाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज ) पुनर्मिलन हुआ है।
इस सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake City स्थित युताहा विश्वविधालय (University of Utaha’ USA) के मानव वंश विभाग के वैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश के विश्व विद्यापीठ विशाखा पट्टनम के Anthropology विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा सयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक लगातार 6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो और विदेशी देश के लोगो के खून पर किये गये DNA के परिक्षण से एक रिपोर्ट तैयार की। जिसमें बता गया कि भारत देश की ब्राह्मण जाति के लोगों का DNA 99:96 %, कश्त्रिय जाति के लोगों का DNA 99.88% और वेश्य-बनिया जाति के लोगो का DNA 99:86% मध्य यूरेशिया के पास जो “काला सागर ’Blac Sea” है। वहां के लोगो से मिलता है। इस रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकालता है कि ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य-बनिया विदेशी लोग है और एस सी, एस टी और ओबीसी में बंटे लोग (कुल 6743 जातियां) और भारत के धर्म परिवर्तित मुसलमान, सिख, बुध, ईसाई आदि धर्मों के लोगों का DNA आपस में मिलता है। जिससे साबित होता है कि एस सी, एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोग भारत के मूलनिवासी है। इससे यह भी पता चलता है कि एस सी, एस टी, ओबीसी और धर्मपरिवर्तित लोग एक ही वंश के लोग है। एस सी, एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोगों को आपस में जाति के आधार पर बाँट कर ब्राह्मणों ने सभी मूलनिवासियों पर झूटी धार्मिक गुलामी थोप रखी है। 1900 के शुरुआत से आर्य समाज ब्राह्मण जैसे संगठन बनाने वाले इन लोगो ने 1925 से हिन्दु नामक चोला पहनाकर घुमाते आ रहे है। उक्त बात का विचार हमे बहुत ही गहनता से करने की आवश्यकता है।
अगर विदेशी है तो फिर भारत पर राज कैसे कर रहा है ?
अगर ब्राह्मण विदेशी नही है तो फिर आरोप लगने पर वो खामोश क्यों है? मुसलमानों पर जब- जब झूठे आरोप लगते है सारी मुस्लिम संघटनाए, धर्म गुरू , नेता उस आरोप का पूरी शक्ति से खंडन करते है। परंतु ब्राह्मणो को विदेशी कहने पर किसीने भी इस आरोप का खंडन नही किया है। जान बूझकर यह विषय टाला जाता है क्यो ?
अगर हा तो फिर क्यों टाला जाता है? किसी भी ब्राह्मण की TC पर जाती ब्राह्मण ही लीखी होती है। ब्राह्मण जाति हिन्दू नही लिखता। यानी ब्राह्मण हिन्दू नही है और शुद्र भी नही है।
फिर अखिर यह ब्राह्मण है कौन ?
ब्राह्मणों का हिंदुओं के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक समस्या के समाधान के लिय आज तक का क्या योगदान है? आज हिन्दू किसान भूख से परेशान होकर खुदकुशी कर रहा है। संसद भवन के सामने (तमीळनाडू) किसान अपनी पीड़ा से अवगत कराने के लिए पुरा नंगा हो चुका है।
यहाँ तक कि मल मूत्र पीकर अपना दुख बताने पर मजबुर हुआ। फिर भी ब्राह्मणों की पेशानी पर कोई बल नही पडता। आखिर क्या बात है कि ब्राह्मण हिंदू किसान की पीड़ा देखकर भी व्यथित नहीं होते? आज लाखों हिंदू किसान खदकुशी कर रहे हैं, बच्चे कुपोषण से मर रहे हैं। इलाज के लिय पैसे नहीं हैं। इसलिए गरीब अस्पताल के बाहर तड़प कर मर रहा है। करोडो हिंदू युवक बेरोजगार हैं।
इन सारी हिंदुओं की समस्या के ननिवारण में ब्राह्मणों का क्या योगदान है? आजतक कभी ब्राह्मण महासभा ने हिन्दुओ के सामाजिक, शैक्षणिक आर्थिक विकास के लिय कोई हिंदू विकास परिषद का आयोजन किया क्या?
अगर नहीं तो क्यों नहीं किया?
ब्राह्मणों को हिंदूओ का विकास नहीं करना है क्या? हिंदू अपने कोई लगते नहीं क्या? या फिर ब्राह्मण ही यहाँ भारत का मूलनिवासी ना होने से हिन्दुओ को मरता हुवा देख उन्हे कोई दुख नही होता?
इसलिए कि हिंदूओ से सिर्फ सांप्रदायिक दंगे ही कराना है क्या? फिर मराठा हिंदूओ के आरक्षण के लिय पाकिस्तान आंदोलन करेगा क्या? धनगर हिंदूओ को आरक्षण दिया जाये इसके लिए अफगाणिस्तान उपोषण करेगा क्या? हचकर, जाट, पटेल, गुज्जर, यादव आदि को आरक्षण मिले इसके लिए इराक ने मोर्चे निकालने चाहिए क्या?
मंडल आयोग ने कहा कि OBC की जातिवार जनगणना, इसके लिए दुबई के लोग जेल भरो आंदोलन करेंगे क्या? नही हरगिज नहीं भारत की जनता की समस्या के लिय विदेशी क्यों आंदोलन करेंगे? भारत की जनता की पीड़ा से विदेशियों को क्या लेना?
अगर ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी हैं तो वो हिंदूओ के आंदोलन को समर्थन क्यों नही देते?
अगर हिंदू ब्राह्मणों के कहने पर दंगे कर सकते हैं, तो फिर ब्राह्मण हिंदूओ के आरक्षण के लिए किसानों के कर्ज माफी के लिय आंदोलन क्यों नहीं कर सकते? जब सत्ता ही ब्राह्मणों के पास है फिर हिंदू किसानो को क्यों आत्महत्याएँ करनी पड़ रही हैं? क्यों मराठा, जाट, पटेल, धनगर, गुज्जर रास्ते पर आ रहे हैं?
हिंदूओ को आरक्षण देने से कौन सा मुसलमान ब्राम्हणों को रोक रहा है? अब इस पर भी कोई मुस्लिम हिंदूओ के आरक्षण के सभर्थन में आता है तो ब्राह्मण कहते है इन्हें पाकिस्तान भेज दो।
अगर मुसलमान यह कहता है कि किसानो कर्ज माफी होना चाहिए। तो वे कहते है मुसलमान आतंकवादी है, देशद्रोही है इन्हें पाकिस्तान भेज दो। अब हिंदूओ के समर्थन मे ब्राह्मण भी नही आयेगा और मुसलमानों को भी नही बोलने देगा, तो क्या हिंदूओ के समर्थन मे चीन, जापान बोलेंगे क्या?
बात स्पष्ट है जिनके पुर्वजो ने महात्मा बस्वेश्वर महाराज को नही स्वीकारा, संत तुकाराम, संत कबीर, संत रविदास, छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, शाहु महाराज, महात्मा फुलेजी, सावित्री मॉ फुले, बाबासाहेब अंबेडकरजी को नही स्वीकारा, उनके वारिस हमे स्वीकार करेंगे क्या?
ब्राह्मणों को मुख्तार अब्बास नकवी, शाह नवाज हुसैन जैसा मनुवादी मुसलमान दामाद तो चलता है लेकीन शिव-शाहु-फुले-अंबेडकरजी के बहुजन विचार धारा का मुसलमान नही चलता।
(नोट- आज तक भारत के किसी भी ब्राह्मण ने मुख्तार अब्बास नक़वी और शाह नवाज हुसैन जैसे मुसलमान दामादो का विरोध नही किया है। किसी ने यह नही कहा के यह लव जिहादी है इन्हें पाकिस्तान भेज दो। याने जो दामाद है उन्हें रहने दो और जो दामाद नही है उन्हें पाकिस्तान भेज दो? यानी भारत मे मुसलमानों को अगर रहना होगा तो उन्हें ब्राह्मणों का दामाद बनना ही होगा?)
मेरा उद्देश्य यह है के अब यह बात साफ होनी चाहिए कि हिंदू-मुस्लिम और ब्राह्मण-हिंदू संबंध स्पष्ट होना चाहिए। भारत के 25-30 करोड़ कबाड बेचने वाले फल-सब्जियाँ बेचने वाले मजदुरी-हमाली करने वाले, चुड़ियाँ बेचने वाले, गुब्बारे बेचने वाले पंक्चर निकालने वाले, मोटर दुरूस्त करने वाले आदि मुसलमान आये तो आए कहाँ से?
अगर यह मुसलमान बाहर के मुस्लिम देशो से आये हैं, तो फिर भारत में जो मुसलमानो की जातियाँ पायी जाती हैं- बागबान, अतार, मणीयार, तांबोली, लाला, मंसुरी, छप्परबंद, जुलहा, नाईकवाडी, यह जातियाँ सिर्फ भारत में ही क्यों पायी जाती हैं?
मुस्लिम देशो मे क्यो नही कोई बागबान, छप्परबंद जाति नहीं मिलती? अगर मान लो मुसलमान बाहर से आये भी हों तो कितने? फिर 700-800 सालों में मुसलमानो की संख्या 25-30 करोड कैसे हो गई? 15-20% कैसे? और अगर ब्राह्मण भारत का मूलनिवासी है तो फिर ब्राम्हण मात्र 3% ही कैसे?
(भारत के 97% मुस्लिम ब्राम्हणवाद के अन्याय अत्याचारी वर्णव्यवस्था को त्याग कर समतावादी इस्लाम स्वीकार कर धर्मांतरित हैं। यानि भारत का मुस्लिम भारत का मूलनिवासी ही है)
अगर ब्राम्हण भारत का मूलनिवासी है तो फिर हजारों साल से भारत में होकर ब्राम्हण 3% ही क्यों है?
यह पहेली तो मुझे समझ में नहीं आ रही है। अगर यह पहेली सुलझे तो भारत की सभी समस्या का समाधान हो जायेगा। मुझे तो लगता है नाम बदलकर हिंदू बनकर हिटलर ही भारत पर राज कर रहा है। वैसे भी कहा जाता है हिटलर ने ही खुद को किडनेप किया था दुनिया को मूर्ख बनाने के लिय। अब हम हिंदू (शुद्र) –मुस्लिम, भाई-भाई कहें या ब्राम्हण (श्रेष्ठ)- हिंदू (शुद्र) भाई-भाई कहें? भारत मेरा देश है सारे शुद्र भारतीय मेरे भाई हैं।
… .जय भारत …..
ब्राह्मण विदेशी है कितना सच?😊😊😊
1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है कि हम (वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोग है। जब आर्य व् अनार्यो का युद्ध हुआ ।
2. The Arctic Home At The Vedas बालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारा लिखी पुस्तक में मानते है कि हम बाहर आए हुए लोग है ।
3. जवाहर लाल नेहरु ने (बाबर के वंशज फिर कश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब Discovery of India में लिखा है कि हम मध्य एशिया से आये हुए लोग है। यह बात कभी भूलना नही चाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा जी को लिखे जब वो होस्टल में पढ़ रही थी।
4. वोल्गा टू गंगा में “राहुल सांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण) ने लिखा है कि हम बाहर से आये हुए लोग है और यह भी बताया की वोल्गा से गंगा तट (भारत) कैसे आए।
5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण) सहा सोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखा की हम भारत के बाहर से आये लोग है।
6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी जिसने “सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हम बाहर से आए हुए लोग है।
7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकर अपने भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृ भूमि यानि अपने घर वापस आया हूँ।
8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने 1894 में दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा में लिखे एक पत्र के अनुसार हम भारतीय होने के साथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही है इसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव की अपेक्षा रखते है।
9. ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877 में कलकत्ता की एक सभा में कहा था कि अंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े चचेरे भाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज ) पुनर्मिलन हुआ है।
इस सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake City स्थित युताहा विश्वविधालय (University of Utaha’ USA) के मानव वंश विभाग के वैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश के विश्व विद्यापीठ विशाखा पट्टनम के Anthropology विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा सयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक लगातार 6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो और विदेशी देश के लोगो के खून पर किये गये DNA के परिक्षण से एक रिपोर्ट तैयार की। जिसमें बता गया कि भारत देश की ब्राह्मण जाति के लोगों का DNA 99:96 %, कश्त्रिय जाति के लोगों का DNA 99.88% और वेश्य-बनिया जाति के लोगो का DNA 99:86% मध्य यूरेशिया के पास जो “काला सागर ’Blac Sea” है। वहां के लोगो से मिलता है। इस रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकालता है कि ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य-बनिया विदेशी लोग है और एस सी, एस टी और ओबीसी में बंटे लोग (कुल 6743 जातियां) और भारत के धर्म परिवर्तित मुसलमान, सिख, बुध, ईसाई आदि धर्मों के लोगों का DNA आपस में मिलता है। जिससे साबित होता है कि एस सी, एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोग भारत के मूलनिवासी है। इससे यह भी पता चलता है कि एस सी, एस टी, ओबीसी और धर्मपरिवर्तित लोग एक ही वंश के लोग है। एस सी, एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोगों को आपस में जाति के आधार पर बाँट कर ब्राह्मणों ने सभी मूलनिवासियों पर झूटी धार्मिक गुलामी थोप रखी है। 1900 के शुरुआत से आर्य समाज ब्राह्मण जैसे संगठन बनाने वाले इन लोगो ने 1925 से हिन्दु नामक चोला पहनाकर घुमाते आ रहे है। उक्त बात का विचार हमे बहुत ही गहनता से करने की आवश्यकता है।
Tumhari soch galat hai main Kisan ,hinduon ki kaee andolan me gaee hun ,tum ye batao ki koee jati ka entry karake Jaya hai,
ReplyDeleteAndolan bhi to tbhi hue jab sanwidhaan bna nhi to usse pehle sirf hakk ko dbaya gya kisano k
DeleteJisk chlte aaj results sbke saamne hein... Aaj bhi kissano kaa suicide krne ka ratio increase kr rha h...
Brahman videshi hai to bhagao saalo ko
DeleteTu bhagaoga sale teri k okat h Brahman h hum haram khor sale
DeleteKute ki pille 👿👿👿 Tera baap Brahman 💪💪💪💪💪💪 h
Deleteएक दम सही
ReplyDeleteशास्त्री शाक्य राहुल सिंह बौद्ध कुशवाहा
Yah satiy h
ReplyDeleteBilkul sach baat
ReplyDeleteAatnkwadi harkto wala tumhata lekh h ,nafrt se bhra huva ,adhura gyaan ,abe chutiye tuje kon bola muslim 15%hbangladesh ,pakistan kon pakedga...inki total jansankhya,60cr se jayda h,afganistan bhi bhart ka hi hisaa tha...or muslim talvaar ke dum pe bane....konsi school gya be chutiye gaandu
ReplyDeleteसही ब्रो ये भीमटे है जो 50% बनाकर नौकरी लग जाते है और ते कुछ भी पड़े लिखे नहीं रहते बस रोड साफ करते है और मसत रहते है 🤣
DeleteAatnkwadi harkto wala tumhata lekh h ,nafrt se bhra huva ,adhura gyaan ,abe chutiye tuje kon bola muslim 15%hbangladesh ,pakistan kon pakedga...inki total jansankhya,60cr se jayda h,afganistan bhi bhart ka hi hisaa tha...or muslim talvaar ke dum pe bane....konsi school gya be chutiye gaandu
ReplyDeleteAatnkwadi harkto wala tumhata lekh h ,nafrt se bhra huva ,adhura gyaan ,abe chutiye tuje kon bola muslim 15%hbangladesh ,pakistan kon pakedga...inki total jansankhya,60cr se jayda h,afganistan bhi bhart ka hi hisaa tha...or muslim talvaar ke dum pe bane....konsi school gya be chutiye gaandu
ReplyDeleteBrahaman vedeshi hai
ReplyDeletePata nahi
ReplyDeletehttps://youtu.be/Cp0PMTFOkvU
ReplyDeleteIf Brahman is a foreigner, then tell when the Hindu word was born and how.
ReplyDeleteतुम्हे ज्ञान की जरूरत है इतिहास को सही तरीके से पढ़ो पर तुम जैसे लोग क्या पढ़ेंगे अभी तुम्हे सीखने की जरूरत है पारसियों का पूरा देश हुआ करता था आज वो मुस्लिम देश हो गया है कुछ पारसी भारत मे ही रहते है
ReplyDeleteतू तो पक्का विदेशी है
DeleteThe written history is fake history
ReplyDeleteKoun Bsdk Bola Brahman Sanka Baap hai madrchod thik se rh Bsdk pandit
ReplyDeleteतू ओकात में रेह समझा तेरे मसीहा बाबा साहब को अम्बेडकर एक ब्राह्मण का दिया हुआ उपनाम है विदेशी का दिया हुआ उपनाम बहुत अपने नाम के आगे लगाते हो। अगर वो नहीं पढ़ाते तो तेरा बाबा साहब कभी पढ़ भी नहीं पता।
Deleteतुमको खुद का इतिहास पता नहीं और सबको विदेशी और देशी बता रहे हो।
ReplyDelete