Tuesday 4 April 2017

बड़ा खुलासा EVM पर शक

बड़ा खुलासा...

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मायावती और केजरीवाल का EVM पर शक करना कोई अँधेरे में तीर नहीं है....इसके पीछे कारण है और सॉलिड कारण है....
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ये सभी EVM मशीनें गुजरात के गांधीधाम के इलेक्ट्रॉनिक जोन में स्थित एक कंपनी में बनी हैं....जिसका मालिक मोदी जी का सहपाठी है..ये ऑर्डर इस कंपनी को इसलिए मिला क्योंकि उसने सबसे कम बोली लगाई थी...टेंडर्स पहले से लीक कर दिए गए थे.....जयतिभाई नाम के इस कंपनी मालिक का कहना है कि इस डील में वो घाटे में रहे और मशीने लागत से कम मूल्य पर बेची गई.......आगे उन्होंने बताया कि इस घाटे की पूर्ती अम्बानी और अडानी मिलकर मिलकर कर रहे हैं.....मशीन में एक ख़ास चिप बिठाई गई है जिसकी प्रोग्रामिंग कुछ इस प्रकार है कि कमल के अलावा पड़ने वाला हर दूसरा वोट ऑटोमैटिकली कमल के खाते में चला जाता है.....इससे विरोधियों को आधे वोट्स पड़ते हैं जिससे कि शक की गुंजाइश कम हो जाती है...
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यू पी और उत्तराखंड में इन मशीनों का प्रयोग टेस्टिंग के तौर पर किया गया जबकि पंजाब में इनमें से एक भी मशीन नहीं भेजी गई...वहीँ मणिपुर और गोवा में नई और पुरानी दोनों तरह की मशीनों का प्रयोग हुआ ताकि इन मशीनों के परिणामों की विस्तृत जांच हो सके और वास्तव में परिणाम वैसे ही आये जैसे भाजपा चाहती थी....ये एक सोची समझी साजिश थी ताकि मिश्रित परिणामों के कारण लोगों का ध्यान मशीनों की ओर ना जाए.....

सोमनाथ में हुई मीटिंग के दौरान भी जयति भाई मौजूद था, नीले घेरे में खड़ा हुआ शख्स ही जयति भाई है।   


  EVM विवाद पर 24 मार्च को सुनवाई के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट

नेशनल दस्तक ब्यूरो
2017-11-21

नई दिल्ली। ईवीएम से छेड़छाड़ मामले की सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। शीर्ष न्यायालय 24 मार्च को इस मामले की सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाए। सबसे पहले बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है। बाद में आम आदमी पार्टी ने भी चुनावों में हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया।

यूपी के चुनाव नतीजे आने के बाद सबसे पहले मायावती ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है। उसके बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि मायवाती के आरोपों में सच्चाई है, या नहीं, इसे कुछ दिनों के बाद बताएंगे। इसके बाद उनकी पार्टी के नेता ने कहा कि सपा के पास ईवीएम से छेड़छाड़ के सबूत हैं वे इन्हें लेकर कोर्ट जाएंगे। वहीं उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी छेड़छाड़ के आरोप से इंकार नहीं किया था।

हालांकि इन आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से नकार दिया था। चुनाव आयोग ने साफ शब्दों में कहा था कि ईवीएम में किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। ईवीएम और चुनावों में शुचिता रखने के लिए टेक्निकल और प्रशासनिक स्तर पर पूरी तरह से सावधानी रखी जाती है। जबकि 2009 में ईवीएम पर खुद भाजपा ने सवाल खड़े किए थे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी लगाने के भी निर्देश दिये थे जिसके लिए सरकार द्वारा पर्याप्त फंड नहीं दिया गया।


चुनाव आयोग ने कहा था कि जिन राजनितिक दलों या फिर व्यक्तियों के पास ऐसा कोई सबूत हैं, जिससे साबित होता हो कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है, तो वो इनको लेकर के आये। आयोग इन सबूतों को गंभीरतापूर्वक देखने के बाद ही किसी तरह का कोई निर्णय लेगा। आपको बता दें कि इस बार गोवा में वीवीपीएटी से चुनाव हुए थे। वहीं यूपी और उत्तराखंड में सिर्फ कुछ सीटों पर इन मशीनों का इंतजाम किया गया था।



  कितने अमीर हैं यूपी के सीएम
आदित्यनाथ और उनके मंत्री
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ योगी ने शपथ लेने के
बाद पहली बैठक में ही अपने मंत्रियों से संपत्ति
का ब्योरा मांग लिया है। अधिकारियों से भी
उन्होंने 15 दिन के अंदर यह ब्योरा देने को कहा है।
योगी के मंत्रिमंडल में अधिकतर सदस्य करोड़पति
हैं।
यह हम उन हलफनामों के आधार पर कह रहे हैं जो
मंत्रिमंडल के सदस्यों ने चुनाव में नामांकन के
दौरान दिए हैं। मुख्यमंत्री खुद करोड़पति नहीं हैं
लेकिन 46 मंत्रियों में से 34 करोड़पति और दस की
संपत्ति एक करोड़ से कम है।
सबसे धनी मंत्रियों में राजा जय प्रताप सिंह का
नाम सबसे ऊपर है। उनके पास 49 करोड़ पांच लाख
से अधिक की संपत्ति है। सबसे कम संपत्ति वाले
मंत्रियों में गिरीश यादव हैं। उनके पास 13 लाख
50 हजार रुपये की संपत्ति है।
गोरखपुर से सांसद व मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की
कुल संपत्ति 72 लाख 17 हजार रुपये है जो उन्होंने
2014 के लोकसभा चुनाव में नामांकन के दौरान
बताया था।


🔴 EVM_Scam 🔴

१) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने सबसे पहले योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री (CM) बनाया |


२) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने प्रदेश में किसान कर्जमाफी का मुद्दा उठाया |


३) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने प्रदेश में आरक्षण खत्म किया |


४) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने मोहन भागवत की राष्ट्रपती पद को लेकर चर्चा को बढावा दिया |


५) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने कुलभुषण जाधव का मुद्दा उठाया |


६) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने पाकिस्तान + भारत का नकली विवाद खडा किया |


७) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने भारत पर आतंकी हमले की खबर फैलाई |


८) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने मिडीया के माध़्यम से चुनाव आयोग की इव्हिएम को हैक करणे की खबर फैलाई |


९) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने दिल्ली मेट्रो स्टेशन के Led Screen पर Porn Film चलाई |


१०) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने सोनु निगम से मुँह से मुसलमानों के खिलाफ गलत टिप्पनी दी |



११) EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने खुद्द की पार्टी सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जानबुझकर पुर्णा में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती पर पत्थरबाजी की |


EVM_Scam से नजर हटाने के लिए ब्राह्मणों ने और बहुत सारे मुद्दो को उठाया है | उन मुद्दों का विरोध (पोलखोल) तो जारी रहेगा | साथ में हमारा BanEVM अभियान भी जारी रहेगा |



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