तुलसीदास दुबे ने अपने नीचता भरे ग्रंथ में
राम का बहाना दे कर खुद शूद्रों(obc, sc st)को गा कर गाली दिया
और आज भी शूद्र यानी बहुजन(obc sc st) वही रामायण गा गा कर खुद को हो गाली देता है।
कभी रामायण में लिखी नीचता का अर्थ नही समझता।।।।
राम का बहाना दे कर खुद शूद्रों(obc, sc st)को गा कर गाली दिया
और आज भी शूद्र यानी बहुजन(obc sc st) वही रामायण गा गा कर खुद को हो गाली देता है।
कभी रामायण में लिखी नीचता का अर्थ नही समझता।।।।
चलिए आज आपको रामायण में लिखी नीचता को दिखाते हैं👇👇
🔴 *मौलिक जानकारी*🔴
जानकारी के अभाव मे शूद्र(obc sc st)लोग अपने पूर्वज के हत्यारा का जाप करते है।
जिस रामायण मे जात के नाम से गाली दिया गया है, उसी रामायण को शूद्र लोग रामधुन ( अष्टयाम ) मे अखण्ड पाठ करते है, और अपने को गाली देते है । और मस्ती मे झाल बजाकर निम्न दोहा पढते है :-
*जे बरनाधम तेलि कुम्हारा,स्वपच किरात कोल कलवारा*।।
(तेली, कुम्हार, किरात, कोल, कलवार आदि सभी जातियां नीच 'अधम' वरन के होते हैं)
*नारी मुई गृह संपत्ति नासी, मूड़ मुड़ाई होहिं संयासा*
(उ•का• 99ख 03)
(घर की नारी 'पत्नी' मरे तो समझो एक सम्पत्ति का नाश हो गया, फिर दुबारा दूसरी पत्नी ले आना चाहिए, पर अगर पति की मृत्यु हो जाए तो पत्नी को सिर मुंड़वाकर घर में एक कोठरी में रहना चाहिए, रंगीन कपड़े व सिंगार से दूर तथा दूसरी शादी करने की शख्त मनाही होनी चाहिए)
*ते बिप्रन्ह सन आपको पुजावही,उभय लोक निज हाथ नसावही*
(जो लोग ब्रह्मण से सेवा/ काम लेते हैं, वे अपने ही हाथों स्वर्ग लोक का नाश करते हैं)
*अधम जाति मै विद्दा पाए। भयऊँ जथा अहि दूध पिआएँ*
(उ०का० 105 क 03)
(नीच जाति विद्या/ज्ञान प्राप्त करके वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पिलाने के बाद साँप)
*आभीर(अहिर)जमन किरात खस,स्वपचादि अति अधरूप जे*!!
(उ• का• 129 छं•01 )
*काने खोरे कूबरे कुटिल कुचली जानि*।।
(अ• का• दोहा 14)
(दिव्यांग abnormal का घोर अपमान, जिन्हें भारतीय संविधान ने उन्हें तो एक विशेष इंसान का दर्जा दिया & विशेष हक-अधिकार भी दिये)
*सति हृदय अनुमान किय सबु जानेउ सर्वग्य,कीन्ह कपटु मै संभु सन नारी सहज अग्य*
(बा • का• दोहा 57क)
( नारी स्वभाव से ही अज्ञानी)
*ढोल गवार शूद्र पशू नारी,सकल ताड़न के अधिकारी* ।।
(ढोल, गंवार और पशुओं की हीे तरह *शूद्र*(obc sc st) एव साथ-साथ *नारी* को भी पीटना चाहिए)
( सु•का• दोहा 58/ 03)
*पुजिए बिप्र शील गुण हीना,शूद्र न पुजिए गुण ज्ञान प्रविना*
(ब्रह्मण चाहे शील-गुण वाला नहीं *है फिर भी पूजनीय हैं और शूद्र (SC,ST,OBCs)चाहे कितना भी शीलवान,गुणवान या ज्ञानवान हो मान-सम्मान नहीं देना चाहिए)
इस प्रकार से अनेको जगह जाति एवं वर्ण के नाम रखकर अपशब्द बोला गया है ।पुरे रामचरितमानस व रामायण मे जाति के नाम से गाली दिया गया है।
इसी रामायण मे बालकाण्ड के दोहा 62 के श्लोक 04 मे कहा गया है, कि जाति अपमान सबसे बड़ा अपमान है
इतना अपशब्द लिखने के बाद भी हमारा समाज ( शूद्र , sc, st, obc ) रामायण को सीने से लगा कर रखे हुए है, और हजारो , लाखो रूपये खर्च कर रामधुन ( अष्टयाम ) कराते है ।कर्ज मे डूबे रहते है ।बच्चे को सही शिक्षा नही देते है ।और कहते है कि भगवान के मर्जी है ।
कुछ लोग पढ़ने-लिखने के पश्चात (बाबासाहब डाॅ भीमराव अंबेडकर जी के लिखे गए संविधान के आधार पर )नौकरी पाते है, और कहते है, कि ये सब राम जी के कृपा से हुआ है।।
यदि आप राम ( भगवान ) के कृपा से ही पढे लिखे और नौकरी पाए तो , आपके पिताजी ,दादाजी, परदादाजी ,लकरदादाजी & दादी, नानी, परदादी, परनानी इत्यादि भी पढे लिखे होते नौकरी पेशा मे होते!! यदि सब राम (भगवान )के कृपा से ही हुआ है, तो आप बताइए कि अंग्रेज़ के राज के पहले एक भी शूद्र ( sc, st, obc and minority ) पढ़ा लिखा विद्वान बना हो?
मेरे प्यारों!!
आप (शूद्र अर्थात मूलनिवासी sc, st, obc and minority ) जो भी कुछ है, भारतीय संविधान के बल पर ही है।
*इसलिए हम सब का परम कर्तव्य बनता है कि भारतीय संविधान की रक्षा करें*
क्योंकि भारतीय संविधान अभी खतरे मे है , इसे ब्राह्मणी (सवर्णो का ) संगठन (RSS) ध्वस्त करने पर लगा हुआ है ।
और हमलोग हाथ पर हाथ रख कर सोय हुए है ।ब्राह्मणो के षडयंत्र मे फंसकर धर्म कार्य (अंधभक्ति ) मे लगे हुए है ।
( विशेष जानकारी के लिए RSS दूसरे सर संचालक गोलवरकर द्वारा लिखित पुस्तक बंच आॅफ थाॅट्स की अध्ययन किया जाए, जिसमे लिखा है कि भारतीय संविधान जहरिला बीज है, इसे समाप्त कर देना चाहिए )
साथियो हमारा सबसे बड़ा धर्म ( कर्तव्य ) है , भारतीय संविधान की रक्षा करना ।
(भारत की आधी आबादी महिलाएँ भी स्वतंत्र अस्तित्त्व के इंसान हैं, पुरूषों की ही तरह)
अर्द्धनारीश्वर/अर्द्धांगिनी शब्द ही गलत है। किसी भी इंसान का शरीर आधा नारी का & आधा पुरुष का हो ही नहीं सकता। अगर सही है तो एक पत्नी के मरते समय पति की भी मृत्यु हो जानी चाहिए।
*जय भारतीय संविधान*
*जय भीम*
तुम हिन्दू नहीं हो।जो तुम लिखे हो येही कलियुग में हो रहा है।खुद को ज्ञानी बताना और एक संत को गाली देना कलियुग के अंत का नजदीक तुम खड़े हो।पूरा ज्ञान ले लो और किसीको ये घटिया किसम का ज्ञान मत बांटो ।
ReplyDeleteHindu ka kiya matlab hai logo ko daba ke rakhna
DeleteBhai aap ye bhtao to ki shudr ke ghar par braman apni beti ki shadi kyon nahi karta
DeleteAchha bhai to ye batao ki kisi bhi jiv ko kat kar kha Jana kaha ka nyay hai
DeleteOr ha
Shudra wahi hai jo mans machali khata ho wo nahi jo nahi khata ho ye sab
Or ha ye jarur hi suna hoga ki koi brahaman ke beta koi sudra ke ke bachhi se vivah kar liya uske andar jarur sudrata hogi
Agar ham shudra wala Kam karege to sudra hi kahlaye ge
Agar ham karm achha karege
Sahi baat hai bhaio jo samaj me ho rha hai
ReplyDeleteयह पोस्ट सही है जिसको संदेह है वो जाकर देख ले
ReplyDeleteसाले ढोर तुझे समझ नहीं आती तो दूसरों को क्यों ग्यान बाठ रहा हैं
Deleteहिन्दूओ को हिन्दू नाम का मतलब क्या है ये पता ही नहीं हिन्दू नाम का मतलब काला कलूटा चोर 😠
ReplyDeleteTu kon hain
DeleteJai bharat
ReplyDeleteJai Hindu
Jai Ramayan
Jai tulsidash
Tere kehane ka matlab है ताकि hamare भगवान kuch nahi karte
ReplyDeleteTu hain kon ye bata
मुगलों से पहले के भारत में जा शूद्र पढें लिखे ही नहीं सम्राट होते थे
कुत्ते समझ नहीं आता तो ग्यान मत bata kar
Chutiye बक्चोड़ी की भी हद होती हैं
ReplyDeleteRead the whole Ramayana correctly.
ReplyDeleteSingle word show different different meaning in sentence so do not give wrong exaplaination of Ramayana Chaupai.
रामकथा के तेई अधिकारी। जिनकहुं सत्संगति अति प्यारी।।
ReplyDeleteपर 🤔अंडभक्त फिर भी यह पोस्ट सही नहीं मानेंगे और मंदिर में घण्टा बजाएंगे। तभी उन्हें घण्टा मिलता है।
ReplyDeleteजागो बहुजनों जागो
जय भीम जय संविधान 📘✍️🙏
धर्मांध व्यकित मूर्खों और गधों का फौज है।
ReplyDeleteहिन्दू धर्म मूर्खों का धर्म
ReplyDeleteहमें जो ज्ञान मिला है उसको अपने साथियों के साथ शेयर करता हूँ। जय मुलनिवासी
ReplyDeleteरामायण के रचियता श्री वाल्मीकि जी खुद शुद्र है
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