Sunday 1 January 2017

राजनैतिक हरिजन नेता

राजनैतिक हरिजन नेता .....
1952 मे प्रथम चुनाव में जब बाबासाहेब चुनाव हारे और होलकर जीता ! तब होलकर बाबासाहेब से मिलने जाता हैं और कहता हैं बाबासाहेब में चुनाव जीता हू आज मुझे खुशी महसूस होती हैं |तब बाबासाहेब कहते हैं ,अब तुम जीत तो गए पर तुम्हारा कार्य क्या रहेंगा ? तुम क्या करोगे ? तब होलकर कहता हैं वह तो मेरी पार्टी कहेगी वो करुंगा |
तब बाबासाहेब कहते हैं तुम जनरल सीट से जीते हो?तो वह कहता है डॉ साहब आरक्षित सीट से जीते है ! बाबासाहेब वह तो आपही मेहरबानी से संविधान में दिए गए राजनेतिक रिजर्वेशन से जीता हूँ और साहेब उन्हें चाय पिलाते हैं और भेज देते हैं |
बाद में बाबासाहेब हसते हैं तो नानकचंद्र रत्तू पुछते आप हस क्यु रहें थे ? तब बाबासाहेब कहते हैं होल्कर अपने समाज के प्रतिनिधि के बजाय वे पार्टियों के हरिजन बन गए हैं ( हरिजन ) मतलब नाजायज ओलाद
आज हमारे समाज के जनप्रतिनिधि विधायक,सांसद खासकर बीजेपी कोंग्रेस वाले समाज के नहीं रहकर ब्राह्मणवादी पार्टियों की नाजायज औलाद बन चुके हैं | यह बात 1952 में बाबासाहेब ने कह दी थी जो आजतक सार्थक सिद्ध हो रही है ।

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