Sunday, 1 January 2017

ऋग्वेद

1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है कि हम(वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोगहै। जब आर्य व् अनार्यो का युद्ध हुआ । 2. The Arctic Home At The Vedasबालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारालिखी पुस्तक में मानते है कि हम बाहर आए हुएलोग है । 3. जवाहर लाल नेहरु ने (बाबर के वंशज फिरकश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब Discoveryof India में लिखा है कि हम मध्य एशिया सेआये हुए लोग है। यह बात कभी भूलना नहीचाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा जी को लिखे जबवो होस्टल में पढ़ रही थी। 4. वोल्गा टू गंगा में “राहुलसांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण)ने लिखा है कि हम बाहर से आये हुए लोग हैऔर यह भी बताया की वोल्गा से गंगा तट(भारत) कैसे आए। 5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण) सहासोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखाकी हम भारत के बाहर से आये लोग है। 6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी जिसने“सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हमबाहर से आए हुए लोग है। 7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकरअपने भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृभूमि यानि अपने घर वापस आया हूँ। 8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने1894 में दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा मेंलिखे एक पत्र के अनुसार हम भारतीय होने केसाथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही हैइसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव कीअपेक्षा रखते है। 9. ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877में कलकत्ता की एक सभा में कहा था किअंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े चचेरेभाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज) पुनर्मिलन हुआ है।इस सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake Cityस्थित युताहा विश्वविधालय (University ofUtaha’ USA) के मानव वंश विभाग केवैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश केविश्व विद्यापीठ विशाखा पट्टनम केAnthropology विभाग के वैज्ञानिकों द्वारासयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक लगातार 6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो औरविदेशी देश के लोगो के खून पर किये गये DNAके परिक्षण

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