Friday 3 March 2017

प्रधानमंत्री मोदीजी की 18 सबसे बड़ी सफलताएं

प्रधानमंत्री  मोदीजी की 18 सबसे बड़ी सफलताएं


1. गंगा सफाई के नाम पर करीब 3000 करोड़ खर्च नतीजा अभी तक लगभग शून्य।

2. प्रधानमंत्री के कपड़ों पर करीब 50 करोड़ खर्च।एक बार पहने गए कपड़ों को दुबारा नहीं पहना महोदय ने।

3.पाकिस्तान,चीन,नेपाल समेत सभी पड़ोसी मुल्कों से सम्बन्ध बदतर हुए घुसपैठ भी बढ़ी।

4. आजादी के बाद पहली बार पाक की आतंकवादी संस्था ISI को जांच हेतु सम्मान पूर्वक भारत बुलाया गया।

5.मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता, योग गुरु रामदेव जैसे अरबपतियों को जनता के पैसों से भारी सुरक्षा प्रदान की।

6.रूपये को निम्नतर स्तर पर पहुंचाया और कच्चे तेल के दाम एक चौथाई होने के बावजूद जनता को तेल लगभग पुराने दामों पर बेचकर मोटा चूना लगाया।

7.कांग्रेस सरकार की उन योजनाओं को जिन्हें 2014 के पहले ये पानी पी पीकर कोसते थे,देशहित में बताकर लागू किया।। जैसे FDI, GST, MANREGA, ADHAAR


8.जनता को गोरक्षा और गौमाता के नाम पर लड़वाया और खुद बीफ के सबसे बड़े निर्यातक बने गाय काटने वाली मशीनों पर सब्सिडी दी।

9.जनता को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर लड़ाया और सालों बीत जाने के बावजूद राम की तिरपाल तक नहीं बदल पाये, मंदिर तो बहुत दूर की बात है।

10.दलितों को पिटवाकर 19वीं सदी की याद दिलाई जब इन्हें अछूत मानकर इनपर जुल्म किये जाते थे।

11. विदेश यात्राओं पर हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ, इन ताबड़तोड़ दौरों के बावजूद चीन से मात खा कर NSG की सदस्यता नहीं दिला सके।

12.भारत की रैंकिंग विश्वपटल पर गिरी और भारत जाम्बिया,भूटान और अन्य गरीब देशों की श्रेणी में पहुंचा।

13.बीजेपी शासित प्रदेशों में हुए सभी घोटालों समेत व्यापम की 48 गवाहों की हत्या को दबाया, आरोपियों को बचाया। गैर बीजेपी शासित राज्यों को मदद करने की बजाय षड्यंत्रपूर्वक वहां राष्ट्रपति शासन लगवाया जिसे कोर्ट की लताड़ के बाद हटाया गया।

14.दिल्ली प्रदेश में हुई करारी हार का बदला आये दिन AAP विधायकों को फर्जी केस में फंसाकर बदला लेने का प्रयास किया कोर्ट ने लगभग सभी AAP विधायकों बाइज्जत बरी किया और सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया।

15.भारतीय मीडिया की साख इतने निचले स्तर पर कभी नहीं पहुंची। देश की 80 प्रतिशत जनता मीडिया को बिकाऊ और बेईमान समझने लगी है।

16. करीब 20 सालों से शांतिपूर्ण रहे कश्मीर में तनाव फैलाया
17. उत्तर प्रदेश  में बसपा सरकार कुछ  पार्क दलितो ने नाम क्या बनाये तो बहुत बुरा लगा 
ख़ुद ने 5000 करोड़ मूर्ति को दिये ।
18.काला धन पर कोई बात नही
भगतो बजाओ ताली.........



प्रधान सेवक श्री मोदी जी कहते हैं...

मुझे गोली मार दो, मेरे दलित भाइयो को मत मारो।
"वाह रे बहरूपिया, गिरगिट"
   जब डॉ रोहित वेमुला मारा गया बन्दा चुप?
    जब अलीगढ में 8 साल की बच्ची के साथ rape के बाद हत्या हुई बन्दा चुप।
    जब ऊना में दलितों को जानवरो की तरह पीटा बन्दा चुप।
   जब भारत की एक बेटी जिसे संयक्त राष्ट्र ने, "आयरन लेडी "का ख़िताब दिया।उसको उसी के देश में गाली दी गयी। बन्दा चुप।
    जब संसद में 117वां संशोधन बिल पेंडिंग अभी तक पेश तक नही हुआ, बन्दा चुप।
   जब यूपी में 2.70लाख अधिकारी और कर्मचारी पदानवत हुए बन्दा चुप। 
   जब MP में व्यापम घोटाला हुआ, बन्दा चुप।
महाराष्ट्र में खाद्य घोटाला बन्दा चुप।
    जब गुजरात में मूलनिवासियों का ज़मीर जागा, बाबा साहब के संविधान और तथागत की बुद्धि से ज्ञान मिला।
    सम्पूर्ण दलित समाज आंदोलित हुआ। तब गिरगिट बोला। मुँह खोला।
मेरे दलित भाइयो को मत मारो मुझे गोली मारो।
   अरे गिरगिट बिना कमांडो और सुरक्षा दस्ता के जरा निकलो तो सही। जैसे दलित रहते हैं, अभाव और कष्टो में। तब कहना, कि मेरे दलित भाइयो को जीने का सम्मान का हक दो।

  मित्रो प्रधानमन्त्री के पास सीबीआई, रॉ, आईबी, मिलिट्री इंटेलिजेंस, CID, SIT, STF, RAF, ब्लैक कैट कमांडो, आदि आदि जाने क्या क्या होता है।वह बहरूपिया कहता है दलितों को मत मारो मुझे मारो। वह अपराधियो को दंड देने की बात नही करता।पीड़ितों को न्याय देने की बात नही करता किंतु क्या कहता है मुझे गोली मारो। अर्थात मारो जरूर । अरे अन्यायी उन्हें जेल में डाल फाँसी पर लटकवा। लेकिन क्या कहते हैं उन्हें छोड़ कर मुझे मारो। अर्थात मारो जरूर।
  मेरे मित्रो क्या किसी प्रधानमंत्री को गोली मारना इतना आसान है। फिर भी तुम्हारी हसरत है तो बिना सुरक्षा के निकलो न घर से बाहर। जैसे करोड़ो दलित निकलते हैं, रहते हैं।
   है हिम्मत??? 
तो कर लो मन की बात दलितों के साथ???



डॉ विष्णुकांत अशोक।
[ दलितों के अपमान में भाजपा मैदान में__= बेटी के सम्मान में ! यदि आना ही था मैदान में !! तो पहले क्यों नहीं आये? तुम्हारी मां ने मना किया था या तुम्हारे बाप ने। क्या बहिन मायावती जी देश की बेटी नहीं? देश की बहन नहीं? क्या दलितों की बेटियॉं और सवर्णों की बेटियों फर्क हैं?
भाजपा बालों तुम को एक बात बता दूँ 
बेटी-बेटी होती है, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म की भी हो?

तुम्हारी जातिवादी मानसिकता और तुम्हारा दोगला चरित्रतुम्हे कहीं का नहीं छोडेगा। तुम भाडे के ABVP, RSS, VHP की कितनी ही भीड जुटा लो जनता तुम्हारी नौटंकियों को जान चुकी है। उ.प्र. के मतदाताओं ने जैसे कसम ही उठा ली तुम्हे दफनाने की ।  बसपा की स्वत: स्फूर्त क्रांति में तुम तिनके की तरह उड जाओगे। जनता उ.प्र. चुनाव में अच्छा हिसाब करेगी। थोडी ठंड रखो।
भाजपा को निश्चित ही बुरी तरह खामियाजा भुगतना पड़ेगा|
जय भीम
जय भारत
नोट - अगर आप बाबा साहब के असली अनुयायी हैं तो इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मैसेज पहँचायें...    


न मै आया हूँ,और न किसी ने मुझे भेजा है,मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है।।गंगा माई के नाम पर "गंगा सफाई" अभियान चलाकर जो हज़ारो करोड़ रुपये खर्च किये गए पिछले लगभग 3 सालो में और उसके बाद भी गंगा में कीड़े ही कीड़े की खबर हैडलाइन बन रही है अखबार की।। मोदी जी आप देश के प्रधानमंत्री है क्या आप की जिम्मेदारी नही बनती कि आप जवाब दें कि उन पैसो के बंदरबांट में आपके कौन कौन से साथी मंत्री शामिल रहे??आपका कौन सा स्वार्थ है जो आप चुप है इस महाघोटाले पर??देश की जनता के सवालों का जवाब न देना ये तो आपकी आदत बन गयी है,पर इस देश की जनता आप जैसे धोखेबाज और जुम्लेबाज को जवाब देना जानती है और वो दिल्ली और बिहार में दे भी चुकी है और इस बार इस कड़ी में 11 मार्च 2017 को उत्तरप्रदेश का नाम भी जुड़ेगा और आप वापिस गुजरात जाने लायक भी नही बचोगे इसी आशा और विश्वाश के साथ मै अनुभव अम्बेडकर अपने शब्दों पर विराम लगाता हूँ।।।


भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक। प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात श91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
 भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं। इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है। अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
 अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।

 ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है। अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर। एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है। 7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है। इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
 इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं। Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं। जिनपर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है। इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
 अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं। इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है। यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
 क्या यही है लोकतंत्र ?
 (यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)
और तो और जनता से  कहा जाता है कि सिलेंडर पर जो नाम मात्र की सब्सिडी उन्हें मिलती है वो भी त्यागो और देश हित में योगदान दो । यही काम पहले  नेताओ से करवाओ की सबसे पहले उन्हें मिलने वाली सारी सुविधा  देश हित के लिए छोड़े ।

और एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है
 भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
 पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
 नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें

 दूसरा - नेताओं के वेतन पर प्रतिबंध
 इन्हें देश भक्ति करना है निःशुल्क करें


 प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ? इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपने  देश का नागरिक होने का परिचय दें।                      
    

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